डॉ. तृप्ति जैन ने किया शहर को गौरवान्वित
भाषाओं को बढ़ावा देने भारत सरकार ने किया आमंत्रित

नाहर टाइम्स@शाजापुर। प्राच्य विद्यापीठ के पूर्व निदेशक व राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त डॉ. सागरमल जैन की पौत्री डॉ. तृप्ति जैन को भारत सरकार ने विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में दिल्ली में आयोजित बैठक में विशेष सदस्य के रूप में आमंत्रित किया है, जिन्होंने बैठक में शामिल होकर अपने विचार व सुझाव दिए।
दरअसल डॉ. तृप्ति जैन वर्तमान में कर्नाटक राज्य के बैंगलोर में प्राकृत एवं जैन अध्ययन केंद्र जैन विश्वविद्यालय की विभागध्यक्ष भी हैं। जिन्हें भारत सरकार द्वारा शास्त्रीय विरासत को बढ़ाना, मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली को बढ़ावा देने की रणनीतियां हेतु आयोजित बैठक में एक विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित किया है। ताकि डॉ. जैन हाल ही में नामित शास्त्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए अपनी अंतर्दृष्टि और रणनीतियों को साझा कर सकें। साथ ही उनकी सांस्कृतिक विरासत और महत्व का जश्न मना सकें और इस संबंध में चल रहे प्रयासों के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना कर सकें। उक्त बैठक दिल्ली में शुक्रवार को आयोजित हुई, जिसमें डॉ. जैन सम्मिलित हुई।