अतिथियों ने रखी श्री राम मंदिर निर्माण की शिला…
जनवरी 2025 तक निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य, विधायक ने दी 77 लाख रूपए की स्वीकृति

नाहर टाइम्स@शाजापुर। नगर के नीमवाड़ी स्थित अति प्राचीन श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होगा। इसके लिए बुधवार को शिला पूजन कर निर्माण कार्य का श्रीगणेश किया गया। इसके लिए विधायक अरूण भीमावद द्वारा 77 लाख रूपए की स्वीकृति दी गई है। शेष राशि जनसहयोग से जुटाई जाकर मंदिर का भव्य निर्माण किया जाएगा जिसके लिए जनवरी 2025 का लक्ष्य तय किया गया है।
उल्लेखनीय है कि नगर की ह्रदयस्थली में स्थापित उक्त मंदिर अति प्राचीन होकर वर्तमान में जीर्ण – शीर्ण हो चुका था। चुंकि यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है जहां लंबे समय से श्रद्धालु प्रभु श्री राम के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं, जिन्होंने इसके जीर्णोद्धार की मंशा जताई थी। जिसके बाद से ही इसके निर्माण को लेकर प्रक्रिया चल रही थी। बुधवार को प्रसिद्ध संत श्री उत्तम स्वामीजी महाराज, प्रदेश सरकार के मंत्री गौतम टेटवाल, सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी, विधायक अरूण भीमावद तथा वरिष्ठ नेता माखनसिंह चौहान की उपस्थिति में मंदिर निर्माण के लिए शिला पूजन किया गया।
सन 1544 के समय हुआ था मंदिर का निर्माण…
जानकारी के अनुसार उक्त मंदिर का निर्माण सन् 1544 में हुआ था। जो आज काफी प्राचीन होकर जीर्ण – शीर्ण अवस्था में हो चुका था। इस स्थान पर पुराने लोगों ने मिट्टी के मकान बना दिए थे। लेकिन मंदिर में लोगो का आना-जाना लगा रहा था। इसके बाद यहां से अतिक्रमण हटाकर इसके पुर्न निर्माण हेतु विधायक से नगरवासियों ने मांग की थी। जिसके चलते उन्होंने जल्द ही इसके निर्माण की बात कही थी जिसके लिए बुधवार को शिला पूजन किया गया। इसके लिए 77 लाख रू. की राशि विधायक अरूण भीमावद द्वारा स्वीकृत की गई है तथा शेष राशि जनसहयोग से जुटाई जाकर मंदिर का भव्य निर्माण किया जाएगा।
जहां होगा भगवान का आसन, वहां डलेगा टाईम कैप्सूल
बुधवार को मंदिर का शिला पूजन करने के साथ ही टाईम केप्सूल (समय शंकू) का भी पूजन किया गया, जिसे भगवान के आसन के नीचे 11 फीट गहराई में डाला जाएगा। ताकि आगामी समय में कभी मंदिर की खुदाई हो तो प्राचीन जानकारी सामने आ सके।कार्यक्रम में आमजन के साथ मंदिर समिति के अध्यक्ष एसडीएम मनीषा वास्केल और सचिव तहसीलदार मधु नायक के साथ-साथ सदस्यगण गोविंद सोनी, राकेश सोनी एवं ओम उमठ भी उपस्थित थे।