आस्था, भक्ति और विश्वास का अद्भुत संगम, शाजापुर की मां राजराजेश्वरी माता का चमत्कारी दरबार
करोड़ों की लागत से हो रहा मंदिर परिसर का कायाकल्प

नाहर टाइम्स@मंगल नाहर✍️
स्वयं में धार्मिक पुण्यधरा की ख्याति समाहित किए हुए अपनी पहचान स्थापित करने वाला शाजापुर नगर वैसे तो प्रारंभ से ही अनेकों धार्मिक, सांस्कृतिक एवं एतिहासिक अनमोल धरोहरों को धारण करके शहरवासियों का गौरव रहा है, लेकिन शहर की पहचान को विश्वविख्यात करने वाली अमूल्य विरासतों में असंख्य भक्तों की आस्था और विश्वास का केन्द्र कहलाने वाले मां राजराजेश्वरी के चमत्कारी दरबार की बात अपने आप में ही कुछ निराली है। नगर के बीचों – बीच स्थित इस पवित्र, पावन व मनोहारी देवीस्थल की सबसे बड़ी विशेषता ही यह है कि यहां अनगिनत भक्तों की आस्था पल प्रतिपल परवान चढ़ती दिखाई देती है।
शाजापुर नगर के मध्य से गुजरने वाले आगरा – मुम्बई राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 03 पर स्थित मां राजराजेश्वरी का चमत्कारी दरबार नगर के मध्य से गुजरने वाली उसी चीलर नदी के किनारे स्थित है, जिसे बीते समय में चन्द्रभागा के नाम से जाना जाता था। अपनी प्राचीन व चमत्कारी गौरवगाथा से भक्तों की आस्था का केन्द्र बन चुके मां राजराजेश्वरी माता मंदिर से संबंधित अनेकों प्राचीन व पौराणिक विवरण स्कन्ध पुराण में भी मौजूद हैं। संभवतः इसी महत्व ने इसे नगर ही नहीं आस-पास के क्षेत्रों में भी धार्मिक स्थल की ख्याति दिलवाई हुई है।
1060 ई. में राजा भोज के कार्यकाल में निर्मित हुआ था मां राजराजेश्वरी मंदिर
मंदिर से जुड़ी पुरानी भौगोलिक स्थिति की यदि बात की जाए तो 1060 ई. में राजा भोज के कार्यकाल में निर्मित मां राजराजेश्वरी का उक्त मंदिर नगर के उन प्राचीन देवी स्थलों में से एक है, जब शाजापुर एक नगर न होकर छोटे-छोटे गांव के डेरों की बसाहट हुआ करता था। उस समय नगर में चारों और बियाबान जंगल हुआ करते थे, लेकिन कालांतर में सिंधिया परिवार के आधिपत्य में आने के बाद महाराज माधौराव द्वारा सन् 1734 में मंदिर के सभा मण्डप व परिसर हेतु पर्याप्त भूमि एवं जलस्रोत के रूप में एक बावड़ी का निर्माण करवाया गया। इसके अलावा समय के साथ – साथ मंदिर का पुनरुद्धार भी होता रहा।
अत्यंत चमत्कारी है मां राजराजेश्वरी की प्रतिमा
कहा जाता है कि मंदिर जागृत होता है व उसकी नियमित सेवा – पूजा से देवी प्रसन्न होती हैं। इसे चमत्कार कहिए अथवा फिर मंदिर के पारंपरिक पुजारी रहे नागर परिवार द्वारा मां राजराजेश्वरी पर आस्था, विश्वास एवं श्रद्धा का परिणाम कि मां राजराजेश्वरी मैया की मूर्ति विशाल कद की होकर अपनी भव्यता लिए हुए अनेकों चमत्कारों की साक्षी बनी हुई है। इसीके साथ जहां देवी की तेजस्वी आंखें आशीर्वाद देती हुई प्रतीत होती हैं वहीं मंदिर के सभा मण्डप के कोने के दाहिनी तरफ स्थित गर्भगृह में स्थापित मां के चरण दर्शनों से भक्त स्वयं को धन्य अनुभव करते हैं।
चैत्र नवरात्रि पर लगता है विशाल मेला
पूरे वर्षभर भक्तों की आस्था से श्रृंगारित एवं सुशोभित रहने वाले मां राजराजेश्वरी माता मंदिर की वैभवता और विशालता में उस वक्त कई गुना और अधिक भव्यता आ जाती है, जब वर्ष प्रतिपदा चैत्र नवरात्रि पर प्रतिवर्ष में एक बार लगने वाला विशाल पन्द्रह दिवसीय मेला यहां आयोजित किया जाता है। शक्ति की आस्था का नवरात्रि पर्व और मंदिर में देवी दर्शनों के लिए उमड़ने वाला श्रद्धा का सैलाब शाजापुर नगरी के लिए एक महामहोत्सव का रूप ले लिया करता है। जिसमें जिले और प्रदेश सहित देशभर के देवीभक्त शामिल होकर अपना जीवन धन्य बनाते हैं।
मंदिर में विगत 55 वर्षों से प्रज्जवलित है अखण्ड ज्योत
मंदिर के पुजारी पं. आशीष नागर के अनुसार मां राजराजेश्वरी की त्रिकाल पूजा नियमिति रूप से की जाती है तथा प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ भी किया जाता है। मंदिर में विगत करीब 55 वर्षों से अखण्ड ज्योत प्रज्जवलित है इस अखण्ड ज्योति का जागृत होना मां के आशीर्वाद का ही परिणाम है। माता की भव्य प्रतिमा के संबंध में धार्मिक मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे हृदय से मां की भक्तिभाव से पूजा, आरती व नित्य दर्शन करता है माता उसके समस्त दुःख कष्ट दूर करके समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
करोड़ों की लागत से हो रहा मंदिर परिसर का कायाकल्प
सदियों से भक्तों की आस्था के प्रमुख केंद्र रहे माता मंदिर को समय के साथ सुधार व जीर्णोद्धार की आवश्यकताएं महसूस होती रही है। मंदिर परिसर को आधुनिक सुविधाओं से लैस बनाने के लिए शासन व प्रशासन अपने स्तर पर निरंतर प्रयासरत है। इसी संदर्भ में मंदिर के पुजारी पंडित आशीष नागर ने बताया कि मंदिर परिसर को सुविधाओं से सुसज्जित बनाने के लिए करोड़ों रुपए के विकास कार्य प्रगतिशील है। जिसमें धर्मस्व विभाग द्वारा 30 लाख एवं सांसद निधि से प्राप्त 15 लाख कुल 45 लाख की लागत से परिसर में विशाल डोम का निर्माण शामिल है। इसी प्रकार पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा विभिन्न विकास कार्यों के लिए 4 करोड़ की धनराशि प्रदान करने की घोषणा की गई जिसमें से प्राप्त 2 करोड़ 65 लाख की लागत से परिसर की बाउंड्री वाल, संतों के सर्व सुविधा युक्त निवास, पुष्प – हार विक्रेताओं की दुकानें तथा परिसर समतीलीकरण के कार्य संपन्न हो रहे है। विकास कार्यों में सहयोग स्वरूप क्षेत्रीय विधायक द्वारा भी 1 करोड़ 28 लाख की राशि प्रदान करने की घोषणा की गई है। विधायक निधि से प्राप्त उक्त राशि में एक करोड़ का उपयोग सभा मंडप निर्माण तथा शेष राशि का उपयोग डोम निर्माण की शेष राशि के भुगतान स्वरूप किया जाएगा। इस सहयोग राशि से मंदिर का हाइटेक आधुनिक स्वरूप तैयार होगा।
