घोषदल में शामिल स्कूली बच्चों को सड़कों पर वाहनों ने किया परेशान
यातायात विभाग के वसूली पटेलों की लापरवाही से बच्चे हुए परेशान

नाहर टाइम्स@शाजापुर। शहर के सभी प्रमुख बाजार इन दोनों त्योंहारी भीड़ से भरे हुए हैं। एसे में पहले से बेहद बिगड़ी नगर की यातायात व्यवस्था को सुधारने की बजाय यातायात पुलिस का निकम्मापन शहर के लिए बड़ी समस्या का कारण बन रहा है। शहर में होने वाले सार्वजनिक आयोजनों में यातायात व्यवस्था संभालने वाले वसूली पटेल चालान की रसीदें काटने में व्यस्त हैं और आमलोगों को सड़कों पर बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि शहर के प्रमुख हिस्से सोमवारिया बाजार, नई सड़क और शहर की हृदय स्थली आजाद चौक अस्त-व्यस्त-ध्वस्त यातायात व्यवस्था की गवाही देते हुए हर दिन जाम के चंगुल में फंसे नजर आते हैं और लगभग यही हालत शहर के बाकी हिस्सों की भी है। शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए कई बार विभाग के वसूली पटेलों द्वारा नोटंकी भी की गई, लेकिन यातायात प्रभारी की निष्क्रियता के चलते व्यवस्था में कोई ठोस सुधार नहीं हो पाया। उल्लेखनीय है कि प्रतिदिन यातायात प्रभारी के निर्देश पर विभाग की टीम दुपाड़ा जोड़, टुकराना जोड़ सहित हाईवे पर अन्य जगह पाइंट लगाकर कार्रवाई के नाम पर वसूली अभियान चलाती नजर आती है लेकिन शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के नाम पर यातायात प्रभारी को स्टाॅफ की कमीं महसूस होने लगती है। परिणाम स्वरूप नगर का भीतरी हिस्सा बार-बार लगने वाले वाहनों के जाम, बेतरतीब वाहनों की पार्किंग, संकरी सड़कों पर दुकानों के सामानों के अतिक्रमण और मवेशियों व ठेलों की भीड़ से बुरी तरह प्रभावित नजर आता है। ऐसे में शुक्रवार शाम नगर के प्रमुख मार्गो से निकले विभिन्न स्कूलों के घोषदल में शामिल बच्चों के लिए सड़कों पर निकलना परेशानी का सबब बन गया। बाजारों की सड़कों पर जब घोष दल के काफिले ने प्रवेश किया तो यातायात व्यवस्था संभालने के लिए कोई भी यातायातकर्मी नजर नहीं आया। परिणाम स्वरूप घोष दल के संचलन के बीच दो पहिया व चार पहिया वाहनों का बेरोकटोक प्रवेश होता रहा और और संचलन में शामिल बच्चे भय और घबराहट के साथ सड़कों से गुजरते रहे। यह गनीमत रही कि घोष दल के संचलन के दौरान किसी असंतुलित वाहन ने किसी स्कूली बच्चे को टक्कर मारकर घायल नहीं किया। अन्यथा यातायात विभाग के वसूली पटेलों की लापरवाही अकारण ही त्यौंहारी मौसम में अप्रिय स्थिति का कारण बन जाती।
