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कियोस्क सेंटर की आढ़ में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने पर प्रशासन की कार्रवाई

अस्पताल परिसर से हटाया सेंटर, दस्तावेज और उपकरण जब्त

नाहर टाइम्स@शाजापुर। कियोस्क सेंटर की आढ़ में फर्जी ढंग से जन्म प्रमाण पत्र बनाने के मामले में प्रशासन द्वारा कार्रवाई करते हुए जिला अस्पताल परिसर में संचालित कियोस्क सेंटर को हटाया गया। साथ ही उपकरण और दस्तावेजों को जब्त कर सील किया गया है।

शाजापुर जिला अस्पताल परिसर मेें कई वर्षों से कियोस्क सेंटर का बिना अस्पताल प्रबंधन की अनुमति के अवैध ढंग से संचालन किया जा रहा था। कियोस्क सेंटर संचालिका के द्वारा लोगों से जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर 700 रुपये की राशि ली जा रही थी और उन्हे अस्पताल की फर्जी सील लगाकर नकली प्रमाण पत्र दिया जा रहा था। जिला अस्पताल प्रबंधन ने मामले को लेकर कई बार थाना कोतवाली और अन्य विभागों से पत्राचार किया था, लेकिन जिम्मेदारों ने इस ओर ध्यान नही दिया। नतीजतन बिना रोकटोक बेखौफ होकर कियोस्क सेंटर में फर्र्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का सिलसिला जारी रहा। इसके बाद फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने के मामले मीडिया के द्वारा प्रशासन का कियोस्क सेंटर की ओर ध्यान आकर्षित कराया गया, जिसके बाद प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवार्ई की। सोमवार सुबह नायब तहसीलदार नाहिद अंजुम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अजय साल्वे, सिविल सर्जन डॉ एमके जोशी ने अपने  अधीनस्थों के साथ मिलकर कियोस्क सेंटर को अस्पताल परिसर से हटाने की कार्रवाई की। नायब तहसीलदार ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन की अनुमति के बिना परिसर में टेंटनुमा कियोस्क सेंटर संचालित हो रहा था, जिसे जांच उपरांत  हटाने की कार्रवाई की गई। इस दौरान मौके से मिले कम्प्यूटर, प्रिंटर सहित अन्य उपकरणों और दस्तावेजों को जब्त कर पंचनामा बनाकर सील किया गया। जब्त सामान को अस्पताल प्रबंधन के सुपुर्द किया गया है।
वर्षों से चल रहा था फर्जीवाड़ा
जिला अस्पताल परिसर में कियोस्क सेंटर की आढ़ में वर्षों से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए जाने का कार्य किया जा रहा था और कियोस्क संचालिका के द्वारा इसके एवज में आवेदक से 700 रुपये से लेकर 1 हजार रुपये तक वसूले जा रहे थे। मामले में अस्पताल प्रबंधन को पूरी जानकारी थी, लेकिन अधिकारी कार्रवार्ई नही कर पा रहे थे। जिला प्रशासन को फर्जीवाड़े की सूचना लगी तो तुरंत ही मामले को संज्ञान लेते हुए कार्रवार्ई की गई। चूंकि बिना अनुमति के अस्पताल परिसर में कियोस्क सेंटर संचालित हो रहा था, इसलिए प्रशासन ने उसे सील करने की बजाय हटाने की कार्रवाई की। इस कार्रवाई के बाद कई लोगों ने अपनी पीड़ा बताई कि उनसे आधार कार्ड के साथ जन्म प्रमाण बनाने के लिए हजारों रुपये की राशि वसूली गई थी, जिनमें से कुछ के काम हो गए हैं और कुछ के काम होना शेष हैं।

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