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एस्ट्रोनॉमी नाइट कैंप में बच्चों ने देखा चांद क्रेटर
इटर्नल स्कूल में हुआ एस्ट्रोनोमी नाईट कैंप का आयोजन
शाजापुर@मंगल नाहर ! बच्चे स्कूली पाठ्यपुस्तको में ग्रहों और तारों के बारे में अक्सर पढ़ते तो हैं, किन्तु वास्तविक जीवन में इनकी अधिक जानकारी न होने के कारण वे अपने आकाश में होते हुए भी इसका वास्तविक रूप नही देख पाते हैं। इस तथ्य को ध्यान रखते हुए स्कूली बच्चों में आकाशीय पिंडों और खगोलीय घटनाओं के प्रति रुचि पैदा करने के उद्देश्य से इटर्नल स्कूल ऑफ स्टडीज में एक दिवसीय एस्ट्रोनॉमी नाइट कैंप का आयोजन किया गया।

स्कूल की प्राचार्य श्रीमती सौदामिनी झाला ने बताया कि इस दौरान कक्षा 6 से 9वीं के 150 बच्चों ने भाग लिया। जिसमें मुंबई की संस्था के मिलन इत्तल, सतीश शिरोड़कर और विपुल शिरोड़कर द्वारा एस्ट्रोनॉमिकल टेलिस्कोप के द्वारा आकाशीय पिंडों जैसे चंद्रमा, शनि, बृहस्पति और नक्षत्रों को वास्तविक रूप में दिखाकर उनके संबंध में जानकारी प्रदान की गई। इन आकाशीय पिंडों से जुड़े आश्चर्यजनक तथ्य और ब्रह्माण्ड की उत्पति से जुड़ी बच्चों की अनबुझी जिज्ञासाओं को सरल शब्दों में इनोवेशन वर्कशॉप के शैलेंद्र कसेरा द्वारा शांत किया गया। इस मौके पर बच्चों को सौरमंडल और ब्रह्मांड से संबंधित रोचक डॉक्युमेंट्री भी दिखाई गई और इनसे जुड़े प्रश्न भी पूछे गए। जिसमें प्रश्नों का सटीक उत्तर देने वाले बच्चों को पुरुस्कार प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन भी किया गया। यह एस्ट्रोनॉमी कैंप शनिवार को पूरी रात चलता रहा, जिसमें एस्ट्रोनॉमी की कई तरह की एक्टिविटी को शामिल किया गया था। जिसका बच्चों ने भरपूर आनंद लिया। स्कूल की प्राचार्य श्रीमती सौदामिनी झाला ने इस कैंप के समापन में बताया कि खगोलशास्त्र विज्ञान की वह शाखा है जिसका प्रयोग मनुष्य आदिमानव के युग से आज तक जाने-अनजाने मे करता आ रहा है। कई बार आम नागरिक भी धार्मिक पर्व भी इन्ही ग्रहों और उपग्रहों की घटनाओं से जुड़े होते हैं, इसलिए ग्रहों-नक्षत्रों की व्यवहारिक जानकारी देने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।