खेलगैजेट्सटेक्नोलॉजीदेशधार्मिकमध्यप्रदेशमनोरंजनराजनीतिलाइफस्टाइलविदेशव्यापारशाजापुरशिक्षा

मासूम बच्चों पर कहर बनकर टूट रहा शीतलहर का कहर

बेखबर जिम्मेदारों के कारण कड़ाके की सर्दी में आंगनवाड़ियों को नहीं मिल रही राहत

नाहर टाइम्स@शाजापुर। प्लीज मेडम…हमारी भी छुट्टी करवा दो। आंगनवाड़ियों के मासूमों के सवालों में छिपी इस गंभीर और वाजिब पीड़ा को भले ही कार्यकर्ता समझ रही हो लेकिन संभवतः शाजापुर का अलबेला शासन – प्रशासन इसे समझ ही नहीं पा रहा है। यही कारण है कि हाड़ कंपाने वाली शीत लहरों के भयानक प्रकोप में भी आंगनवाड़ी के बच्चों को राहत नसीब नहीं हो रही और वे कड़ाके की ठंड में ठिठुरते हुए आंगनवाड़ी पहुंच रहे हैं। इन बच्चों की उम्र तीन से छह वर्ष तक है।

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष सर्द मौसम शीतलहरों के साथ अपना जबरदस्त असर दिखा रहा है। प्रदेश के कई जिलों में छोटी कक्षाओं के स्कूली बच्चों एवं आंगनबाड़ी के बच्चों के अवकाश भी प्रशासन द्वारा घोषित किए जा चुके हैं लेकिन अपने अध्यापक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और नन्हे मुन्ने बच्चों को देवी अवतार समझने वाले शाजापुर प्रशासन के जिम्मेदारों ने इस संबंध में ना तो कोई ठोस निर्णय लिया और ना ही कड़ाके के ठंड से उन्हें राहत देने के कोई प्रयास किए। परिणाम स्वरूप गुरूवार को जहां एक तरफ जबरदस्त शीतलहरें अपना प्रभाव दिखाकर इंसानी जिस्म को कंपनी का काम कर रही थी वहीं आंगनवाड़ियों में संचालित की जा रही प्री – नर्सरी कक्षाओं के नाम पर मासूम बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा था। मौसम के बिगड़ते मिजाज को देखते हुए अनिवार्य रूप से शीतकालीन अवकाश घोषित करने में प्रशासन की उदासीनता का परिणाम आंगनवाड़ियों में मासूम बच्चों को शीतलहरों का कहर झेलते हुए भुगतना पड़ा। उल्लेखनीय है कि सर्दी में छोटे-छोटे बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्र पर सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक जाना पड़ रहा है। तापमान में भी गिरावट देखी जा रही है और आम जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है। सर्दी इस कदर है कि दिन में भी लोग अलाव जलाकर राहत पा रहे हैं। ऐसे में आंगनवाड़ी में अवकाश नहीं होने से बच्चों के लिए सर्दी की चपेट में आने की आशंकाएं बढ़ गई हैं। गुरुवार को शीत लहरों के बीच आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रयासों से जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों में बच्चों ने आंगनवाड़ी केन्द्रों पर उपस्थित दर्ज कराई। जहां नर्सरी की तर्ज पर विभिन्न गतिविधियां सिखाई जा रही है लेकिन उन्हें मुश्किल उठाकर शीत लहरों का सामना करना पड़ा।
सर्दी की चपेट में आ सकते हैं मासूम
इन दिनों जिले में हाड़कंपा देने वाली सर्दी अपना प्रकोप दिखा रही है। ऐसी सर्दी में बच्चे तो दूर अधिकारी-कर्मचारी भी समय पर कार्यालय नहीं पहुंच पाते हैं। ऐसी सर्दी में बच्चों को शीतकालीन अवकाश नहीं देने से बच्चों को कड़ाके की ठंड में परेशानी उठानी पड़ रही है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में अवकाश नहीं होने व सर्दी में जाने से कई बच्चों को मौसमी बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है। 

Nahar Times News

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!