भक्तिभाव सहित हुई दादागुरूदेव की पूजा
आज निकाला जाएगा कल्पसूत्र का चलसमारोह

नाहर टाइम्स@शाजापुर। इन दिनों श्वेताम्बर जैनसमाज के आठ दिवसीय पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व का आयोजन ओसवालसेरी स्थित मालवरत्न परम पूज्य जैनाचार्य भगवंत श्रीमद् विजय वीररत्न सुरीश्वरजी म.सा. की शुभप्रेरणा से निर्मित चौबीस जिनालयधाम में धूमधाम सहित किया जा रहा है। इस दौरान विभिन्न धार्मिक, सामाजिक एवं तप-आराधना के कार्यक्रमों का लाभ समाजजन ले रहे हैं।
समाज के मीडिया प्रभारी मंगल नाहर ने बताया कि स्थानीय ओसवालसेरी स्थित जैन उपाश्रय में आयोजित पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व के तीसरे दिवस सोमवार सुबह वीर सैनिक “पूजन सेठ व पार्थ पारिख” ने अष्ठानिका प्रवचन के दौरान बताया कि अन्य स्थानों पर किए गए पाप तीर्थ स्थानों पर जाकर धुल जाते हैं लेकिन तीर्थ स्थान पर किए गए पापों का क्षय होना बहुत ही मुश्किल होता है। इसलिए तीर्थ क्षेत्र में जाने पर शुद्ध मन से प्रभु की आराधना के साथ रात्रि भोजन, जमीकंद, भक्षण, अब्रम्हचर्य तथा अभक्ष भक्षण आदि चीजों का त्याग अवश्य ही करना चाहिए। इस दौरान उन्होने श्रावक के 11 वार्षिक कर्तव्य संघ पूजा, साधर्मिक भक्ति, यात्रा त्रिक, स्नात्र महोत्सव, देव-द्रव्य वृद्धि, महापूजा, रात्रि जागरण, श्रुत भक्ति, उद्यापन, तीर्थ प्रभावना तथा आलोचना सहित जैन साधु के समान एक दिन का जीवन अर्थात 84 लाख जीवयोनि को अभयदान देने वाले पौषध व्रत के संबंध में विस्तारपूर्वक समझाया। इसके पश्चात दोपहर 2 बजे ओसवाल सेरी दादावाड़ी में स्व.कैलाशचन्द्रजी (बरड़िया) जैन की स्मृति में कामेश (बरड़िया) जैन की तरफ से दादा गुरूदेव की पूजा का धार्मिक आयोजन सम्पन्न हुआ। वहीं रात्रि के समय प्रभु भक्ति की गई व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।

आज निकलेगा कल्पसूत्र का चलसमारोह
नाहर ने बताया कि पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व के चतुर्थ दिवस आज मंगलवार को सुबह 9 बजे कल्पसूत्र बेहराने के साथ ज्ञानपूजा करके कल्पसूत्र वाचन प्रारंभ किया जाएगा। इसके पश्चात दोपहर 1:30 बजे चौबीस जिनालयधाम से कल्पसूत्र का भव्य चलसमारोह निकाला जाएगा, जो शहर के विभिन्न प्रमुख मार्गों से होकर पुन: मंदिर पहुंचेगा।
