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हजारों भक्तों की आस्था का मुख्य केन्द्र है शाजापुर का मां राजराजेश्वरी माता मंदिर

दर्शन के लिए प्रतिदिन उमड़ती है माता के भक्तों की भारी भीड़

शाजापुर@मंगल नाहर। धार्मिक आयोजनों के लिए प्रसिद्ध शाजापुर नगर के मध्य आगरा-मुम्बई राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 3 किनारे स्थित अत्यंत प्राचीन व चमत्कारी दैवीयस्थल मां राजराजेश्वरी रोड़ेश्वरी माता का दरबार हजारों भक्तों की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। जहां नवरात्रि पर्व के अतिरिक्त भी प्रतिदिन भक्तों की भारी भीड़ माता के दर्शनों के लिए उमड़ती रहती है।


प्राचीनकाल में चन्द्रभागा के नाम से प्रसिद्ध चीलर नदी किनारे स्थित मां राजराजेश्वरी का चमत्कारी दैवीय स्थल अपनी गौरवगाथा और विशेताओं के लिए आज भी हजारों भक्तों की आस्था का प्रमुख केन्द्र बना हुआ है। स्कन्ध पुराण में भी मंदिर की प्राचीनता से संबंधित विवरणों का उल्लैख है, मंदिर की इसी विशेषता ने इसे नगर ही नहीं आस-पास के क्षैत्रों में भी प्राचीन धार्मिक स्थल की ख्याती दिलवाई है। उक्त मंदिर नगर के उन प्राचीन दैवीय स्थलों में से एक है, जब शाजापुर नगर वृहद स्वरूप में न होकर छोटे-छोट गांव व डेरों की बसावट हुआ करता था तथा उस दौर में चारों और बियाबान जंगल हुआ करते थे। कालान्तर में सिंधिया परिवार के आधिपत्य में यह मंदिर आया और महाराज माधौराव द्वारा जमीन व बावड़ी मंदिर के नाम की गई। समय के साथ-साथ मंदिर का पूर्णाधार भी होता रहा। कहा जाता है कि मंदिर जागृत होता है व उसकी नियमित पूजा व सेवा से मूर्ति प्रसन्न होती है। इसे चमत्कार कहिये अथवा पुजारी नागर परिवार के सदस्यों का मां राजराजेश्वरी पर अटूट आस्था, विष्वास और श्रद्धा का परिणाम की मां राजराजेश्वरी मैया की मूर्ति विशाल कद की होकर अपनी भव्यता लिए हुए भक्तों के कष्टों को हरने के लिए सदैव तत्पर रहती है। इसमें जहां एक तरफ मां के चरण-दर्शन होते हैं वहीं मंदिर के सभामण्डप के कोने में दाहिनी तरफ गर्भग्रह है जहां मां के चरण-दर्षन होते हैं। मंदिर के पुजारी पं.अनिल नागर, पं.सुनिल नागर एवं पं. आशीष नागर के अनुसार मां की नियमित रूप से त्रिकाल पूजा की जाती है तथा प्रतिदिन दुर्गा सप्तषती का पाठ भी किया जाता है। मंदिर में विगत करीब 50 वर्षों से अखण्ड दीप प्रज्जवलित है जिसकी अखण्ड ज्योती का जाग्रत रहना मां के आशीर्वाद का ही परिणाम है। माता की भव्य प्रतिमा के संबंध में धार्मिक मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे ह्रदय से नवरात्रि पर्व के दौरान मां राजराजेश्वरी की भक्ति-भाव से पूजा-आरती व नित्य दर्षन करता है उसके दुःख, कष्ट दूर करके माता उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करती है।

 

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