टेंडर होने के 6 माह बाद भी निर्माण का इंतजार कर रही जैन मंदिर की मुख्य सड़क
लोगों में आक्रोश पैदा कर रही नगरपालिका की सुस्त कार्यप्रणाली

नाहर टाइम्स@शाजापुर। “14 जून 2023” यह वो तारीख है जिस दिन लालघाटी स्थित जैन तीर्थ तक पहुंचने वाली मुख्य सड़क निर्माण का टेंडर नगरपालिका द्वारा नियमानुसार खोला गया था। टेंडर जारी होने के 6 माह बीत जाने के बावजूद नगरपालिका उक्त धर्मस्थल की सड़क को बनाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई और आज तारीख तक भक्तों को कच्चे मार्ग पर मुश्किलें झेलते हुए मंदिर जाना पड़ रहा है। इस बीच आचार संहिता लागू होने के बाद भी नगरपालिका ने शहर के कई क्षेत्रों में सड़क निर्माण जारी रखा लेकिन उक्त धर्मस्थल की सुध लेना उचित नहीं समझा। नगरपालिका की इस उपेक्षित कार्यप्रणाली के विरोध स्वरूप भक्तों में अब जनाक्रोश बढ़ने लगा है।
शहर में नरक पालिका का रुप ले चुकी शाजापुर नगर पालिका आज तक की सबसे सुस्त, उदासीन और निष्क्रियतापूर्ण कार्यप्रणाली से परिपूर्ण नजर आ रही है। वर्तमान नगर पालिका का विफल कार्यकाल अब जनाक्रोश में तब्दील होता जा रहा है। शहरवासियों को उनकी मूलभूत और जायज सुविधाएं देने में नाकाम साबित हो रही नगरपालिका के निकम्मेपन का ही परिणाम है कि विधानसभा चुनाव परिणामों में भाजपा को नगर में बेहद चुनौती झेलना पड़ी और कांग्रेस शहर में पहली बार मजबूत होती दिखाई दी। बावजूद इसके जिम्मेदार अभी भी अपनी कार्य शैली को सुधारने के प्रति गंभीर नहीं दिखाई दे रहे हैं। जो कार्य नगरपालिका द्वारा किए जाने हैं उनकी ना तो कोई समय-सीमा तय है ना ही उन कार्यों को करवाने में जिम्मेदार रूचि लेते हैं। यही कारण है कि विकास की गति में अन्य स्थानों की अपेक्षा सबसे पिछड़ी शाजापुर नगरपालिका राम भरोसे अपना कार्यकाल बिता रही है। शहरवासियों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने में चहुंमुखी विफल साबित हो रही नगरपालिका धर्मस्थलों के नीतिगत विकास कार्य करवाने में भी कितनी असमर्थ बनी हुई है इसकी गवाही जिला मुख्यालय के लालघाटी पर नवनिर्मित श्री सिद्धाचल वीरमणि तीर्थधाम जैन मंदिर की मुख्य सड़क भी देती नजर आ रही है। जहां तीर्थ प्रबंधन समिति द्वारा नगरपालिका को नियमानुसार सभी शुल्क की राशि जमा करवाने तथा आवश्यक दस्तावेज कार्रवाई पूर्ण करने के बाद भी मुख्य कच्ची सड़क आज तक पक्के निर्माण की बांट जोह रही है। 6 माह पूर्व इस निर्माण की टेंडर प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है और अब तक इसे बनकर तैयार भी हो जाना था लेकिन जिम्मेदारों की सुस्ती ने सड़क की सूरत नहीं सुधारी और बारिश के मौसम में मंदिर आने वाले भक्तों को तमाम परेशानी झेलने पर मजबूर होना पड़ा। इधर सड़क निर्माण में देरी के लिए विधानसभा चुनाव की आचार संहिता की आड़ लेकर अपना बचाव करने वाली नगरपालिका अब सीधी कटघरे में खड़ी नजर आ रही है क्योंकि आचार संहिता खत्म होने के बाद भी इस मामले में जिम्मेदार बेसुध भूमिका ही निभाते नजर आ रहे हैं। इधर इस मामले में मंदिर से जुड़े भक्तों का कहना है कि यदि एक सप्ताह में सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जाता है तो नगरपालिका को उसकी कार्यशैली और जिम्मेदारी भली-भांति याद दिला दी जाएगी।
“जैन मंदिर की मुख्य सड़क का निर्माण नगरपालिका द्वारा किया जाना है। जिसके लिए समस्त वैध कागजी कार्रवाई तथा शुल्क मंदिर निर्माण के पूर्व ही मंदिर प्रबंधन द्वारा नगरपालिका को जमा करवाए जा चुके हैं। टेंडर जारी होने के 6 माह बाद भी निर्माण नहीं होने से मंदिर आने वाले भक्तों को बेहद असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। नगरपालिका को शीघ्र निर्माण करवाना चाहिए। इंतजार का समय अब पूरा हो चुका है।”
– मंगल नाहर
तीर्थ सेवा समिति प्रमुख शाजापुर।
“सड़क निर्माण में इतना समय क्यों लगा ? ये मेरी जानकारी में नहीं है। आचार संहिता अभी खत्म हुई है जल्दी ही शहर के सभी रुके कार्य शुरू किए जाएंगे। मंदिर सड़क निर्माण भी शीघ्र करवा दिया जाएगा।
-डा.मधु सक्सेना
मुख्य नगरपालिका अधिकारी शाजापुर।