आत्म बल को बढ़ाने का सहज माध्यम है तपस्या – डा.आदर्श ज्योति श्रीजी
नौ उपवास की तप आराधना पर निकला श्रीमती कोठारी का भव्य वरघोड़ा

नाहर टाइम्स@शाजापुर। तप आत्मबल को बढ़ाने का सहज माध्यम है। तपस्वी का संकल्प ना केवल शरीर को निरोगी बनाता है बल्कि आत्मा का कल्याण भी करता है। तपस्या के दौरान आत्मा का परमात्मा से सीधा जुड़ाव हो जाता है जिससे आध्यात्मिक उन्नति भी होती है। नौ उपवास की तपस्या पूर्ण करके तपस्वी बहन ने परिवार और शासन के गौरव में वृद्धि की है।

उक्त आशीर्वचन दक्षिण ज्योति पूज्य साध्वी डाॅ.आदर्श ज्योति श्रीजी म.सा. ने गुरुवार को रत्न – पोरवाल स्थानक में आयोजित धर्मसभा में प्रदान किए। उक्त संबंध में समाज के मीडिया प्रभारी मंगल नाहर ने बताया कि पर्वाधिराज पर्यूषण महापर्व के अंतर्गत नौ उपवास की कठोर तप आराधना सकुशल पूर्ण करने पर जैन समाज की सुश्राविका श्रीमती सिया आयुष कोठारी का भव्य वरघोड़ा गुरुवार को कोठारी परिजनों द्वारा धूमधाम से नगर में निकाला गया। जो चौबीस जिनालय धाम से प्रारंभ होकर नगर के विभिन्न प्रमुख मार्गों आजाद चौक, सोमवारिया बाजार, टाकिज चौराहा, नई सड़क से होता हुआ श्री रत्न – पोरवाल स्थानक कसेरा बाजार पहुंचकर धर्मसभा के रूप में सम्पन्न हुआ। यहां विराजित पूज्य साध्वी डा.आदर्श ज्योति श्रीजी म.सा. ने तपस्वी श्रीमती कोठारी को आशीर्वचन प्रदान करते हुए तपस्या की अनुमोदना की। कार्यक्रम को विधायक अरुण भीमावद ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर समाज के विभिन्न संगठनों तथा समाजजनों द्वारा कोठारी का शाल – श्रीफल व अभिनंदन पत्र भेंट कर बहुमान भी किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित रहे।
