पर्युषण पर्व के अंतर्गत नगर में निकला कल्प सूत्र का चल समारोह
आज धूमधाम से मनेगा भगवान महावीर जन्म वाचन महोत्सव

नाहर टाइम्स@शाजापुर। पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व के चतुर्थ दिवस मंगलवार दोपहर 01:30 बजे स्थानीय ओसवालसेरी स्थित जैन उपाश्रय से कल्पसूत्र का चलसमारोह नगर में निकाला गया।
उक्त जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी मंगल नाहर ने बताया कि श्वेतांबर जैन समाज के पर्युषण पर्व गत दिनांक 31 अगस्त से प्रारंभ हो चुके हैं। इसीके अंतर्गत मंगलवार सुबह प्रवचन के दौरान वाचन कर्ता सूरत (गुजरात) से आए वीर सैनिक “पूजन सेठ व पार्थ पारिख” को बोली के लाभार्थी लोकेंद्रकुमार, जितेन्द्र कुमार नारेलिया परिवार द्वारा पवित्र जैन ग्रंथ कल्पसूत्र बहराया गया। इसके पश्चात दोपहर को कल्पसूत्र का नगर में भक्ति – भाव सहित चल समारोह निकाला गया। जो नगर के विभिन्न प्रमुख मार्गों सुगंधी गली, मीरकला बाजार, आजाद चौक, नईसड़क, पीपली गली होकर पुन: ओसवाल सेरी स्थित जैन उपाश्रय पहुंचकर महा आरती के साथ सम्पन्न हुआ। इस दौरान आरती की बोली के लाभार्थी संजय कुमार – मांगीलाल बढेरा परिवार रहे। चल समारोह में समाज के युवाओं द्वारा प्रभु प्रतिमा से विराजित पालकी को कंधों पर उठाकर नगर भ्रमण करवाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में समाज के महिला – पुरूष उपस्थित रहे। शाम के समय प्रतिक्रमण की धार्मिक क्रिया संपन्न हुई वहीं रात्रि में परमात्मा की भक्ति गई।

शाम को वीरमणि तीर्थ धाम पर हुई महाआरती
नाहर ने बताया कि भगवान महावीर जन्म वाचन महोत्सव की पूर्व संध्या पर मंगलवार शाम 6 बजे लालघाटी स्थित श्री सिद्धाचल वीरमणि महा तीर्थधाम जैन मंदिर पर विराजित प्रभु प्रतिमाओं की महाआरती का आयोजन तीर्थ धाम ट्रस्ट मंडल एवं श्रीसंघ द्वारा किया गया।
आज मनेगा महावीर जन्म वाचन महोत्सव
सकल जैन समाज अध्यक्ष सपन जैन ने बताया कि पर्युषण पर्व के चतुर्थ दिवस से प्रारंभ हुए कल्पसूत्र वाचन के दौरान कल बुधवार को पांचवे दिवस दोपहर 2 बजे स्थानीय जैन उपाश्रय में कल्प सूत्र वाचन कर्ता सूरत (गुजरात) से आए वीर सैनिक “पूजन सेठ व पार्थ पारिख” द्वारा भगवान महावीर का जन्म वाचन महोत्सव धूमधाम से आयोजित किया जाएगा। इसके उपरांत शाम 4 बजे से नगर में विशाल चल समारोह भी निकलेगा। इधर ओसवाल सेरी स्थित चौबीस जिनालय धाम एवं लालघाटी स्थित श्री सिद्धाचल वीरमणि महातीर्थ धाम में विराजित तीर्थंकर प्रतिमाओं की नयनाभिराम अंगरचना के साथ रात्रि के समय रंगारंग भजन संध्या का आयोजन करते हुए प्रभु का जन्म मनाया जाएगा।
