काम कोड़ी के नहीं और फुर्सत मिनिटों की नहीं
अतिव्यस्त सीएमओ के पास जनहित कार्यों की जानकारी लेने तक का समय नहीं

नाहर टाइम्स@शाजापुर। एक पुरानी कहावत है कि काम कोड़ी के नहीं फुर्सत मिनिटों की नहीं। शाजापुर नगर पालिका सीएमओ पर यह कहावत पूरी तरह सटिक बैठती नजर आ रही है। जो अपनी अतिव्यस्तता के कारण नगर विकास से जुड़ी जानकारी तथा विभागीय गतिविधियों से ही अनजान हैं लेकिन जिस काम में सीएमओ व्यस्त हैं उनसे कौन लाभांवित हो रहा है ये कोई नहीं जानता।
जी हां हम बात कर रहे हैं। शाजापुर नगरपालिका सीएमओ की। जिनको अत्यंत समयाभाव के चलते स्वयं के विभागीय कार्यों के लिए ही समय नहीं मिल पा रहा है। हाल यह है कि सीएमओ को यह जानने तक की फुर्सत नहीं है कि उनके विभाग द्वारा संचालित कौन से काम किस प्रक्रिया के कारण समय पर नहीं हो पा रहे हैं और जनहित से जुड़े कार्यों में लेट लतीफी क्यों हो रही है। शाजापुर नगरपालिका के मुख्य अधिकारी के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद तमाम व्यस्तताओं में उलझे होने के कारण उनके पास इतना समय भी नहीं है कि वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों से उनकी जिम्मेदारी की जानकारी तक ले सकें और पता कर सकें कि आमजनता की समस्याओं के समाधान अथवा विकास कार्यों की वास्तविक स्थिति क्या है। नगर से जुड़े एसे ही एक मामले की वस्तुत: जानकारी देने में नगरपालिका सीएमओ द्वारा लगातार जताई जा रही अनभिज्ञता के बाद यह सवाल स्वत: ही जोर पकड़ता नजर आ रहा है कि सीएमओ अपने ही विभाग की गतिविधियों से अनजान हैं तो उनकी व्यस्तता से लाभ किसे मिल रहा है। मामला भी जनहित से जुड़ा हुआ ही है जिसमें 6 माह बीत जाने के बाद भी लालघाटी स्थित जैन मंदिर की मुख्य सड़क का निर्माण नहीं हो सका है। धर्मस्थल के सड़क निर्माण में अड़चन आने का मुख्य कारण क्या है इसे लेकर पिछले पांच दिनों से मुख्य नगर पालिका अधिकारी स्पष्ट जवाब देने में असमर्थ बनी हुई है। इधर समाजजनों द्वारा सड़क निर्माण में जिम्मेदारों द्वारा बरती जा रही सुस्ती और उपेक्षित कार्यप्रणाली का विरोध किया जाना शुरू हो गया है। कुछ समय पूर्व समाचार पत्रों में इसे लेकर प्रमुखता से खबरें भी प्रकाशित की जा चुकी है। बावजूद इसके निष्क्रियता की चादर ताने सोए नगर पालिका के लापरवाह कर्णधार इस मामले में सकारात्मक पहल या ठोस निर्णय लेने की अपेक्षा मामले को टालकर किसी बड़े हंगामे का इंतजार करते नजर आ रहे हैं। दूसरी तरफ उक्त सड़क निर्माण में विभागीय स्तर पर क्या गतिविधि की जा रही है, इसकी जानकारी प्राप्त करने के प्रयास मंदिर समिति द्वारा किए जा रहे हैं किंतु “काम कोड़ी के नहीं और फुर्सत मिनिटों की नहीं”वाली नीति को अपनाकर सीएमओ द्वारा स्पष्ट जवाब देने से बचा जा रहा है। हालांकि सड़क के संबंध में ठोस जानकारी की अनभिज्ञता के पीछे अपनी व्यस्तता को कारण बताकर सीएमओ मामले को कब तक टाल पाएंगे ये अलग बात है लेकिन अब यदि शीघ्र सड़क निर्माण प्रारंभ नहीं किया जाता है तो नगरपालिका के लिए ये सुस्ती भारी पड़ना तय मानी जा रही है।